फ़ोर्टिस मोहाली में ईयूविक-2025 के दौरान वैरिकोज़ वेन्स के जटिल मामलों पर चर्चा के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ होंगे एकत्र

4149ba89 724c 4548 9cb0 1a138d61a567चार दिवसीय कार्यक्रम में वैरिकोज़ वेन्स के विभिन्न उपचार विकल्पों पर सभी प्रतिनिधियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा

चंडीगढ़, 29 जुलाई, 2025: वैरिकोज़ वेन्स और इसके प्रबंधन से जुड़ी उन्नत उपचार विधियों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, फ़ोर्टिस अस्पताल मोहाली 30 जुलाई से 2 अगस्त, 2025 तक एंडोवैस्कुलर एवं अल्ट्रासाउंड-गाइडेड वेनस इंटरवेंशन कोर्स-2025 (ईयूविक) का 11वां संस्करण आयोजित कर रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन लगभग 40 देशों के प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वैस्कुलर सर्जनों को एक मंच पर लाएगा, जो वैस्कुलर चिकित्सा शिक्षा में वैश्विक मानक स्थापित करेगा और प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

ईयूविक की पूर्व संध्या पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फ़ोर्टिस अस्पताल मोहाली के वैस्कुलर सर्जरी के डायरेक्टर डॉ. रावुल जिंदल ने बताया कि वे सत्रों का नेतृत्व करेंगे और प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि यह चार दिवसीय कार्यक्रम प्रतिनिधियों को वेनस अल्ट्रासाउंड फिजिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन की समझ, वेनस लोअर एक्सट्रेमिटी अल्ट्रासाउंड इवैल्यूएशन, वेन एब्लेशन प्रक्रियाओं की मैपिंग और वेनस रोगों के प्रबंधन पर व्यावहारिक प्रशिक्षण देगा।

कोर्स के प्रमुख विषयों में शामिल हैं: अल्ट्रासाउंड-गाइडेड पंचर और आईजेवी, फेमोरल, पॉपलिटियल एक्सेस, कंप्रेशन थेरेपी, सीएलएसीएस, स्क्लेरोथेरेपी, पिकोपेरेसो, लिम्फेडेमा ड्रेसिंग्स, वैरिकोज़ वेन का उपचार, ईवीएलटी, आरएफ एब्लेशन, ग्लू, एमओसीए, माइक्रोवेव, हाइब्रिड पेल्विक रिफ्लक्स, डायलिसिस एक्सेस (जैसे एवी फिस्टुला, एंजियोप्लास्टी, कीमोपोर्ट)। साथ ही, वैस्कुलर सर्जरी से जुड़े एडवांस्ड इंटरवेंशन जैसे डीवीटी थ्रॉम्बोलाइसिस, आईवीसी फिल्टर प्लेसमेंट, इन्फ्रापॉपलिटियल एंजियोप्लास्टी (डायबिटिक फुट के लिए), हाइब्रिड एवीएम ट्रीटमेंट्स, क्रॉनिक डीप वेनस स्टेंटिंग, और आईवीयूएस-गाइडेड परफोरेटर क्लोजर भी शामिल हैं।

डॉ. जिंदल ने आगे बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य वैरिकोज़ वेन्स के लक्षणों, कारणों और उपचार के बारे में लोगों को जागरूक करना है। वैरिकोज़ वेन्स से पीड़ित मरीजों की लेग्स में नसें उभरी हुई होती हैं, जो दर्द, सूजन, खुजली और रक्तस्राव का कारण बनती हैं। कुछ मामलों में त्वचा का रंग गहरा हो सकता है या लेग्स में अल्सर बन सकते हैं। इस बीमारी का पता क्लिनिकल परीक्षण और डुप्लेक्स अल्ट्रासाउंड के माध्यम से लगाया जाता है, और नसों को बंद करने के लिए कई चिकित्सकीय प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं।
इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख विशेषज्ञों में फ्रांस के प्रो. जीन उहल, डॉ. जीन बेनिग्नी, संयुक्त अरब अमीरात की डॉ. वसीला ताहा और फ्रांस के डॉ. पास्कल फिलोरी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, वैरिकोज़ वेन सेवा प्रदाता, सोनोग्राफर, और अन्य सहयोगी स्वास्थ्यकर्मी भी इस कोर्स में भाग लेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. रावुल जिंदल की टीम से डॉ. पियूष चौधरी और डॉ. शबजोत ढिल्लों ने भी भाग लिया।

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