फोर्टिस द्वारा पहली बार नेशनल ऑपरेटिव और ऑब्जर्वरशिप ‘स्टीम एंड स्टोन’ कॉन्फ्रेंस का आयोजन

रीज़म और आरआईआरएस तकनीक पर केंद्रित सम्मेलन में देशभर के प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट ले रहे हैं भाग

सिटीन्यूज़ नॉउ

चंडीगढ़। प्रोस्टेट की समस्याओं और बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (बीपीएच) के उपचार में आधुनिकतम चिकित्सा तकनीकों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, फोर्टिस द्वारा पहली बार रीज़म और आरआईआरएस पर आधारित नेशनल ऑपरेटिव और ऑब्जर्वरशिप कॉन्फ्रेंस- ‘स्टीम एंड स्टोन’ का श्रीगणेश किया गया। दो दिवसीय प्रोग्राम डॉ. रोहित डढ़वाल, कंसल्टेंट -यूरोलॉजी, एंड्रोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी के प्रयासों से आयोजित किया गया है। देशभर से करीब 100 प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट, सर्जन और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञ इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।

सिटीन्यूज़ नॉउ को जानकारी देते हुए डॉ. रोहित डढ़वाल ने बताया कि वर्कशॉप का उद्देश्य वाटर वेपर थेरेपी (रीज़म) के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जो प्रोस्टेट की परेशानी के लिए उपलब्ध सबसे आधुनिक मिनिमली इनवेसिव सर्जिकल ट्रीटमेंट है। उन्होंने बताया कि वाटर वेपर थेरेपी (रीज़म) एक बिना दर्द वाली, एक दिन में पूरी की जाने वाली प्रक्रिया है, जो विशेष रूप से उन मरीजों के लिए उपयुक्त है जो युवा हैं, संतानोत्पत्ति की इच्छा रखते हैं या किसी अन्य कारणवश पारंपरिक सर्जरी के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

लोकल एनेस्थीसिया के तहत मरीज को केवल एक घंटे की निगरानी के बाद डिस्चार्ज किया जाता है।डॉ. डढ़वाल ने आगे कहा कि चूंकि बीपीएच (बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया) यानी प्रोस्टेट का बढऩा आमतौर पर वृद्धावस्था में होता है, ऐसे अधिकांश मरीजों को हृदय संबंधी बीमारियाँ और अन्य जटिलताएँ होती हैं।

मरीजों के लिए यह प्रक्रिया किसी वरदान से कम नहीं है। पारंपरिक प्रोस्टेट सर्जरी जैसे ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन ऑफ़ द प्रोस्टेट (टीयूआरपी) या होल्मियम लेजऱ एन्यूक्लिएशन ऑफ़ द प्रोस्टेट (हालेप) से यौन समस्या हेतू राहत प्रदान करती है।

दो दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन रीज़म और आरआईआरएस पर आधारित लाइव ऑपरेटिव सेशन, ऑब्जर्वरशिप डेमोंस्ट्रेशन और इंटरएक्टिव पैनल डिस्कशंस आयोजित किए गए। आगामी सेशन्स में और भी विशेषज्ञ पैनल, सर्जिकल डेमोंस्ट्रेशन व संवाद शामिल रहेंगे।

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